बदलते समय के साथ लोगों की जीवनशैली भी बदली है। अब मेहनत वाले कामों की जगह आरामदायक कुर्सी ने ले ली है। शुद्ध और परंपरागत खाने की जगह फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर इत्यादि ने ले ली है। इन सभी बदलाव का सीधा असर हम आम इंसानों पर पड़ा है। आज इंसानों को पहले से कहीं ज्यादा रोगों ने जकड़ रखा है। कई रोग तो ऐसे हैं जो सिर्फ जीवनशैली यानि लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण हुए हैं जिनमे से सबसे प्रमुख रोग है दिल का दौरा यानि की हार्ट अटैक।
आज लगभग हर दूसरे आदमी पर हार्ट अटैक का खतरा मँडराने लगा है। इसका कारण है उनके लाइफस्टाइल में बदलाव और हेल्थ का ध्यान नहीं रखना। पहले माना जाता था कि हार्ट अटैक सिर्फ मोटे लोगों को हीं आता है लेकिन अब ये धारणा बदल चुकी है और अब हर उस व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा है जो शारीरिक तौर पर फिट नहीं है। आज हम जानेंगे कि किन लोगों को है हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा।
1) मोटापे से पीड़ित लोगों को
वो सभी लोग जो मोटे हैं या मोटापे से ग्रसित हैं उनमे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल का खतरा ज्यादा होता है। और ये सभी बीमारियां होने पर हार्ट अटैक की संभावना बहुत ज्यादा बढ जाती है। दरअसल हाई बीपी के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा बढ जाता है जिससे उनकी धमनियों में ब्लॉकेज बढ जाती है और दिल को रक्त की सप्लाई बाधित होने लगती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ जाता है।
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2) हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को
वो सभी लोग जो हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज हैं उनकी नर्व्स में ब्लॉकेज की आशंका सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में उन्हे हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा होता है।
3) फिजिकली इनऐक्टिव लोगों में
वो सभी व्यक्ति जो फिजिकली इनऐक्टिव रहते हैं यानि शारीरिक तौर पर ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं। यहाँ तक कि व्यायाम, योग या मॉर्निंग वॉक जैसे साधारण मेहनत वाला काम भी नहीं करते हैं। एक्सरसाइज नहीं करने पर शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढने लगता है। यही कारण है कि ऐसे लोगों में भी हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।
4) नशा करने वाले लोगों में
जो लोग किसी भी तरह का नशा जैसे सिगरेट, शराब इत्यादि का सेवन करते हैं उन्हे दिल का दौरा पड़ने की संभावन शत-प्रतिशत होती है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन दिल को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों में जाकर जम जाते हैं जिससे दिल को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और नतीजतन दिल का दौरा पड़ता है।
5) जेनेटिक कारणों से
कई बार माता-पिता को या दोनों में से किसी एक को हार्ट अटैक आ चुका होता है तब इस बात की ज्यादातर संभावना रहती है कि उनके बच्चों को भी हार्ट संबंधी प्रॉब्लम्स हो सकती है। इससे बचने के लिए नियमित हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
हार्ट अटैक आने के लक्षण:
जरा सी मेहनत करने पर सांस फूलने लगे, सीने में बार-बार दर्द होने लगे या सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें। ये दिल का दौरा पड़ने से पहले के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से मिलें और अपना चेकअप करवाएं। दिल का दौरा क्यों पड़ता है और इसके पड़ने से पहले हमारा दिल हमारे शरीर को क्या-क्या संकेत देता है ये जानने के लिए हमारा ये पोस्ट जरूर पढें।
अगर आपके अन्दर भी ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी एक लक्षण है तो आज हीं अपने जीवनशैली में बदलाव करें और नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें तथा हेल्दी डाइट लें। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाली और तली-भुनी चीजों को अवॉयड करें। जितना ज्यादा हो सके नशे से दूर रहें। समय-समय पर अपना फुल बॉडी चेक अप भी करवाते रहें जिससे अगर कोई हेल्थ प्रॉब्लम शुरू हो रही है तो उसका समय रहते इलाज किया जा सके।
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