ज्योतिष ज्ञान सनातन धर्म की एक अनमोल धरोहर है जिसका प्रयोग किसी भी व्यक्ति की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन बदलते समय के साथ कुछ पैसे के लालची लोगों ने कई तरह के मनगढंत दोष का अविष्कार करके उसे ज्योतिष ज्ञान से जोड़ दिया और उसका डर दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठने लगे। ऐसे हीं मनगढंत दोष में से एक है कालसर्प दोष। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं जाने-माने ज्योतिष शास्त्री पंडित पंकज मिश्रा जी से।
काल सर्प योग :- बिना कारण का भय
पंडित पंकज मिश्रा जी के अनुसार, जिस कालसर्प दोष का ज्योतिष के शास्त्रीय ग्रन्थों में कहीं उल्लेख भी नही है। ऐसे दोष का भय दिखाकर लोगों को ठगना अनुचित है। दुनिया में ऐसे लाखों व्यक्तियों के उदाहरण है जिनकी कुण्डली में ग्रह राहु-केतु की परिधि में पड़े हुए थे किन्तु वे व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुँच गये। जैसे भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, ब्रिटेन की भूतपूर्व प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश इत्यादि।
काल सर्प योग की बात करें तो यह अधकचरे ज्योतिषी, जातक के पूर्वजों द्वारा पूर्व जन्म में किसी सर्प की हत्या करने से मिले शाप के रूप में उनकी कुंडली में देखने की बात करते हैं। इस बारे में हमारे गुरु श्री के. एन. राव जी इसकी बहुत अच्छी तरह से व्याख्या करते हैं। गुरूजी के कथनानुसार, काल सर्प योग का जाल कुछ समय पहले तमिलनाडु के कुछ ज्योतिषियों ने रचा और धीरे-धीरे यह उत्तर भारत में फैला। ऐसे किसी योग का उल्लेख किसी शास्त्र में नहीं है। कोई इसके उदय के बारे में साफ-साफ उल्लेख नही करता।
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एक साधारण से गणित से समझिए। विश्व की आबादी लगभग 800 करोड़ है और काल सर्प योग ज्ञाताओं के अनुसार, अनुमान के मुताबिक 115 करोड़ लोगों की राशि में यह योग है। यानि इतने लोगो ने अपने पूर्व जन्म में या कभी न कभी किसी सर्प को मारा होगा। अब सोचने वाली बात ये है कि अगर इतने सारे सर्पों को मारा गया होता तो धरती पर चूहों की आबादी बेतहाशा बढ गई होती और ये सारे चूहे हमारी फसलों को खा गए होते और हम बर्बाद हो चुके होते।
असल में सच्चाई यही है कि राहु- केतु का भय दिखाकर ये लोग अपनी दुकान चला रहे है और ज्योतिष का नुकसान कर रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और ब्रिटेन की भूतपूर्व प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर की कुंडली ऐसे ज्योतिषियों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। इन दोनों लोगों की कुण्डलियों में तथाकथित कालसर्प योग मौजूद है। इसके बावजूद भी ये दोनों न सिर्फ सत्ता के शीर्ष पर पहुँचें बल्कि पूरी दुनिया में नाम भी कमाया।
जॉर्ज बुश की कुंडली –
जन्म दिवस – 06/7/1946
जन्म का समय – सुबह 7:26 AM
जन्म स्थान – न्यू हैवन, अमेरिका
मार्ग्रेट थैचर की कुंडली
जन्म दिवस – 13/10/1925
जन्म का समय – सुबह 9:00 AM
जन्म स्थान – ग्रैन्थम, ब्रिटेन
अत; आप सभी से मैं यही कहना चाहूँगा कि ऐसे ज्योतिषियों के बहकावे में न आएं और अपने समय तथा धन का बचत करें। नियमित रूप से भगवान का स्मरण और भजन करें। इससे बड़े से बड़ा विकट ग्रह भी टल जाएगा या उसकी मारक क्षमता कम हो जाएगी। तुलसीदास जी भी श्रीरामचरितमानस में कह गए हैं –
होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
अर्थात जो कुछ श्रीराम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके व्यर्थ के बात बढाने से कोई फायदा नहीं है।
जय श्रीराम ||
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या उनके वेबसाइट पर विजिट करें – https://kpankaj.com/
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