डायनासोर एक ऐसा शब्द जिसके बारे में जानने के लिए लोग आज भी उत्सुक रहते है। यूनानी भाषा में डायनासोर का अर्थ होता है बड़ी छिपकली। ये प्राणी आज से करोड़ो साल पहले लगभग 16 करोड़ वर्ष तक पृथ्वी के सबसे प्रमुख स्थलीय कशेरुकी जीव थे। यदि आज कोई व्यक्ति डायनासोर की मात्र कल्पना तक कर ले तो उस व्यक्ति के अंदर डायनासोर को लेकर एक अजीब सा डर पैदा हो जाता है।

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डायनासोर के बारे में जानने की उत्सुकता सिर्फ हमारे और आपके अंदर ही नही बल्कि धरती पर रह रहे सभी इंसानों के दिल में भी इतनी ही उत्सुकता होती है। यही कारण है कि डायनासोर पर बनी लगभग सारी फिल्में सुपर-डुपर हिट रही हैं। आज हम आपको डायनासोर का पूरा इतिहास और कुछ दिलचस्प बाते बताएंगे जिनको जानकर आप हैरान हो जायेगे की वास्तव में डायनासोर ऐसे होते थे? आइये जानते है डायनासोर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
छिपकली और मगरमच्छ के पूर्वज थे डायनासोर
इस धरती की शुरूआत से अब तक बहुत से भयंकर जीव पैदा हुए हैं परन्तु उनमे सबसे भयंकर और दहशत फैलाने वाला जीव था डायनासोर। डायनासोर शब्द ग्रीक (यूनान) भाषा से लिया गया है जिसका हिन्दी में मतलब होता है दैत्याकार छिपकली। वैज्ञानिको का मानना है कि डायनासोर छिपकली और मगरमच्छ के वंश के जीव थे। मतलब आज जो हम छिपकली या मगरमच्छ देखते हैं वो उन्ही का सबसे छोटा रूप है।
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जानकारों का मानना है की डायनासोर के अंदर इतनी ताकत होती थी की वह हाथी जैसे जीव को अपने पंजों में दबाकर उड़ सकता था। ये भी कहा जाता है की डायनासोर के अंदर खाना खाने की इतनी क्षमता होती थी कि वह एक बार में दस हजार से ज्यादा इंसानों को कहा सकता था।
भारत और चीन में सबसे अधिक साल तक जीवित थे डायनासोर
वैज्ञानिको का मानना है की आज से लगभग 25 करोड़ वर्ष पहले धरती पर डायनासोर का साम्राज्य हुआ करता था। इतिहासकारों की माने तो उनका कहना है की डायनासोर की कुछ प्रजातियां ऐसी थी जो पक्षियों के सामान हवा में उडती थी। डायनासोरों के मिले जीवाश्मों के आधार पर ऐसा माना जाता है कि एक डायनासोर की लम्बाई लगभग 50 से 60 फीट के बीच हुआ करती थी। डायनासोर की अधिकतम लम्बाई 100 फिट के आस पास बतायी गयी है।
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अगर डायनासोर के बच्चो की बात करें तो डायनासोर के बच्चो की लम्बाई 15 से 20 फीट ऊँची हुआ करती थी। ऐसा भी कहा जाता है की डायनासोर आज से लगभग 6 करोड़ वर्ष पहले धरती से अचानक विलुप्त हो गये थे। लेकिन प्राप्त सबूतों के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है कि डायनासोर, भारत और चीन में लंबे समय तक विचरण करते रहे हैं। भारत और चीन से आज भी डायनासोर के सबसे ज्यादा जीवाश्म ही प्राप्त होते हैं।
वैज्ञानिकों का दावा आज भी जीवित है डायनासोर
एक सनसनीखेज खुलासे में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डायनासोर आज भी जीवित हैं। दरअसल यूरोप में स्विस पर्वत से करीब लगभग 15 किलोमीटर तक लम्बे और बड़े पद चिन्ह पाए गये। इन पद चिन्हों की लम्बाई लगभग 10 मीटर के आस पास है। जिस कारण वैज्ञानिकों ने दावा किया कि आज भी इस पर्वत श्रृंखला में डायनासोर विचरण करते हैं।
भारत के इस गाँव में आज भी मिल जाते है डायनासोर के जीवाश्म
वैज्ञानिको की माने तो भारत में भी डायनासोर काफी समय तक रहे। भारत में डायनासोर नर्मदा नदी के किनारे वाले स्थान पर पाए जाते थे। इस विश्वास का कारण ये है कि भारत में इनके पद चिन्ह और जीवाश्म सबसे ज्यादा नर्मदा नदी के तट से ही प्राप्त हुए हैं। ऐसा माना जाता है की भारत में बिडोली नाम के एक गाँव में आज भी कहीं-कहीं डायनासोर के जीवाश्म मिल जाते हैं। यह गाँव भारत की रिसर्च टीम और इतिहासकारों के लिए एक बहुत ही प्रमुख गाँव माना जाता है।
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