कोरोना वायरस से जूझ रही इकॉनमी को आर्थिक पैकेज का बूस्टर मिलने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके संकेत दिए हैं। विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज तैयार करने का काम चल रहा है और बहुत जल्द इसका ऐलान कर दिया जाएगा। फिलहाल सरकार की तरफ से उद्योग जगत और आम जनता के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं।

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सरकार ने टैक्स संबंधी कई मसलों के अनुपालन के लिए समय 31 मार्च से बढ़ाकर जून अंत तक कर दिया है। आधार-पैन लिंक का समय भी बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। इस पर ब्याज दर में भी कमी की गई है। जीएसटी फाइलिंग डेट को भी आगे बढ़ाकर 30 जून किया गया ताकि छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को राहत मिल सके। इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम का समय भी बढ़ाकर जून तक कर दिया गया है।
वित्त मंत्री के प्रमुख ऐलान इस प्रकार हैं:
– अगले तीन महीने (30 जून 2020) के लिए डेबिट कार्ड से किसी भी बैंक के एटीएम से पैसा निकालना फ्री हो गया है।
– मिनिमम बैलेंस रिक्वायरमेंट फीस माफ कर दी गई है। मतलब MAB जरूरी नहीं रह गया है। (30 जून 2020 तक)
– डिजिटल ट्रेड के लिए बैंक चार्जेज को घटाया गया है। इसका मकसद डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है।
– नई कंपनियों को डिक्लेरेशन के लिए 6 महीने का और वक्त मिला है।
– कंपनियों को जबरन इन्सॉल्वेंसी में जाने से बचाया जाएगा।
– सबका विश्वास स्कीम काफी सफल रहा। इस स्कीम के तहत 30 जून तक पेमेंट किया जा सकता है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 मार्च थी। उसके बाद पेमेंट करने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी।
– कॉर्पोरेट को राहत देते हुए यह कहा गया कि बोर्ड बैठक 60 दिनों के लिए टाला जा सकता है। यह राहत फिलहाल अगली दो तिमाही के लिए है।
– 5 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने में देरी पर फिलहाल जुर्माना नहीं।
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– टीडीएस पर ब्याज 18 पर्सेंट से घटाकर 9 पर्सेंट किया गया।
– 30 जून 2020 तक 24 घंटे कस्टम क्लियरेंस की सुविधा मिलती रहेगी।
– मार्च, अप्रैल, मई के लिए जीएसटी रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।
– विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है। 31 मार्च के बाद 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा।
– आधार पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी गई है।
– वित्त वर्ष 2018-19 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है।
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सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस से जुड़े कार्यों में अब CSR का फंड दिया जा सकता है। यानी यह फंड अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ट्वीट किया कि देश में कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए सरकार इसे आपदा घोषित करने का निर्णय ले चुकी है।
गौरतलब है के कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कई राज्यों ने लॉकडाउन और कर्फ्यू लगा दिया है जिससे कारोबार और अन्य कामकाज लगभग ठप है। इसका बड़ा नुकसान कंपनियों और इकोनॉमी को हो रहा है। ऐसे में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके कहा है कि वह कंपनियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करेंगी।
जीएसटी से जुड़े ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए GST रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख भी बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। इन तीनों महीनों के लिए तारीख अलग-अलग हो सकती है लेकिन इन सबकी डेडलाइन जून के अंत तक खत्म हो जाएगी।
देश में रहने की सीमा पर राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसी कंपनी का डायरेक्टर अगर मिनिमम रेजिडेंसी की शर्त को नहीं मानता है तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। किसी डायरेक्टर के लिए देश में कम से कम 182 दिन रहना पड़ता था लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
इसी तरह कंपनी ऑडिटर्स की रिपोर्ट आर्डर 2020 में जो पहले फिस्कल ईयर 2019-20 में आने वाली थी अब इसे फिस्कल ईयर 2020-21 के लिए टाल दिया गया है।
फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने का प्लान नहीं
हालांकि फाइनेंस मिनिस्टर ने यह भी कहा कि अभी फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने का प्लान नहीं है, जैसा कुछ रिपोर्ट दावा कर रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने की प्लानिंग का दावा किया जा रहा था।
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