आज के समय में दो लोगों के बीच दोस्ती दिखावे के लिए रह गई है। ऐसे में अगर हम दो देशों की बीच सच्ची दोस्ती की बात करेंगे तो आप लोगों को हंसी आएगी। लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जब पूरी दुनिया ने भारत का साथ छोड़ दिया था तब भी वो उन कठिन परिस्थितियों में भी भारत के साथ हमेशा खड़े रहे थे। ऐसे में उन्हे सच्चा दोस्त नहीं कहना भी इस दोस्ती के रिश्ते का अपमान होगा। इसलिए आज हम आपको भारत के उन्ही 5 सच्चे और भरोसेमंद देशों के बारे में बताएंगे।
भारत के 5 सबसे भरोसेमंद दोस्त
5) भूटान

भूटान और भारत के बीच बेहद खास रिश्ता है। यह रिश्ता भूगोल, इतिहास और संस्कृति के रिश्तों से बना है। सदियों पूरानी ये दोस्ती आज भी वैसी की वैसी ही है। भारत की हर मुश्किल परिस्थितियों में भूटान हमारे साथ खड़ा रहा है। वहीं भारत ने भी भूटान को कभी पराया नहीं समझा। भारत और भूटान के बीच के इस दोस्ती के महत्व को आप इसी से समझ सकते हैं कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने थिम्पू में एक सम्मेलन में कहा था कि ‘अगर कोई देश भूटान पर हमला करता है तो उसे भारत पर हमला माना जाएगा और भारत उसका मूँहतोड़ जवाब देगा।’
इतना ही नहीं भारत में भी यह रिवाज रहा है कि भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में कम से कम एक बार भूटान का दौरा जरूर करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो 2014 में अपनी पहली विदेश यात्रा भूटान की ही की थी। इसके अलावा 2019 में दूसरे कार्यकाल में भी भूटान का दौरा कर चुके हैं। 2017 में भारत ने एक बार फिर अपनी अटूट दोस्ती का परिचय देते हुए डोकलाम विवाद में भूटान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चीन के खिलाफ खड़ा रहा जिस कारण चीन को डोकलाम से पीछे हटना पड़ा था।
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4) नेपाल

भारत और नेपाल का रिश्ता दोस्ती से भी बढ कर दो सगे भाइयों जैसा है। हजारों सालों से नेपाल और भारत के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्ते को पूरी शिद्दत से निभाया जा रहा है। नेपाल, माता सीता और भगवान बुद्ध की जन्मभूमि भी है जिस कारण हम भारतवासियों के लिए यह किसी तीर्थ से कम नहीं है।
अगर बात करें आज के समय की तो हमारा यह पड़ोसी देश हमेशा भारत की मदद के लिए भारत के साथ खड़ा रहा है। हालांकि आज चीन अपने पैसे के दम पर नेपाल को हमसे अलग करने की पूरी कोशिश कर रहा है लेकिन हमे उम्मीद है कि नेपाल उसके झांसे में नहीं आएगा और आगे भी भारत तथा नेपाल की यह दोस्ती पहले की तरह हीं मजबूत बनी रहेगी।
3) जापान

भारत और जापान के सम्बन्ध छठी शताब्दी से ही काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं। जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध रहे हैं। जापान की कई कम्पनियां जैसे सोनी, टोयोटा, होंडा, सुजुकी इत्यादि ने भारत में अपने प्लांट स्थापित करके हमारे देश के आर्थिक विकास में काफी योगदान दिया है।
इसके अलावा जापान ने मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए भारत को टेक्नोलॉजी भी प्रदान किया है। भारत ने भी समय-समय पर जापान की मदद की है। 2011 में जापान में जब सुनामी आई थी तब भारत ने भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम को उसके पहले विदेशी मिशन के रूप में भेजा गया था और लापता व्यक्तियों के लिए खोज और बचाव अभियान चलाया था।
2) इजरायल

इजरायल भारत का एक पुराना दोस्त रहा है। इजरायल ने हर मौके पर भारत की मदद की है चाहे वह कारगिल युद्ध हो या फिर भारत-पाकिस्तान का युद्ध। इजरायल ने दुनिया के खिलाफ जाकर भारत की मदद की और यह दिखा दिया कि वह अपने दोस्त भारत के लिए कुछ भी कर सकता है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने एक साथ मिलकर कई मुश्किल मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। 2017 में प्रधानमंत्री मोदी इजरायल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे जिससे इन दोनों देशों की दोस्ती और भी मजबूत हुई।
आज भी इजराइल यह कहता है कि भारत उसका सच्चा मित्र है और भारत की तरफ अगर किसी ने आँख भी उठाई तो इजराइल उसे तबाह कर देगा। इजरायल यूँ ही ऐसा नहीं कहता है इसके पीछे एक खास कारण भी है। जब पूरी दुनिया यहूदियों के खिलाफ हो गई थी और हिटलर के नेतृत्व में उन्हे मारा जा रहा था। तब भारत ही एकमात्र ऐसा देश था जहां यहूदी पूरी तरह सुरक्षित थे। यही कारण है कि इजरायल भारत को यहूदियों का दूसरा सबसे सुरक्षित घर मानता है और भारत के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।
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1) रूस

भारत की आजादी के बाद हमारे देश को रूस के रूप में अपना सबसे बड़ा दोस्त मिला। 1962 में जब अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन ने कश्मीर के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में भारत के खिलाफ वीटो का प्रयोग किया था तब रूस ने ही भारत के पक्ष में वीटो का इस्तेमाल कर कश्मीर को भारत से अलग होने से बचाया था।
1965 में पाकिस्तान से युद्ध के समय जब अमेरिका ने भारत को पीछे हटने की चेतावनी देते हुए हम पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे तब रूस ही हमारे समर्थन में आया था और उसने अमेरिका को कड़ी चेतावनी देते हुए मिसाइल हमले की धमकी भी दे डाली थी। इतना ही नहीं, रूस ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग से पहले हमारे देश को अत्याधुनिक हथियार भी दिए थे जिसमे उस वक्त का सबसे अत्याधुनिक फाइटर जेट मिग-21 भी शामिल था।
भारत का परमाणु कार्यक्रम हो या अंतरिक्ष कार्यक्रम सभी जगह रूस ने भारत की हरसंभव मदद की है। यही कारण है कि आज भी आम भारतीय रूस को अपना सबसे बड़ा करीबी और मददगार के तौर पर याद रखता है।
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