एक बार फिर से डॉलर के मुकाबले रूपए का नीचे गिरना शुरू हो चुका है। 13 नवंबर 2019 को 1 डॉलर की कीमत 72 रूपए को पार कर चुकी थी जिसके बाद सोशल मीडिया में एक बार फिर से 1913 और 1947 में भारतीय करेंसी के मजबूती वाले पोस्ट शेयर होने लगे थे। वायरल पोस्ट में यह दावा किया जाने लगा कि 1947 में आजादी के वक्त भारत के 1 रूपए की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी।
कुछ लोग तो इससे भी आगे बढते हुए 1913 में 1 भारतीय रूपए की कीमत लगभग 13 डॉलर के बराबर बताने लगे। ऐसे में हमने भी सोचा कि क्यों न हम भी सही फैक्ट का पता लगाएं। इसके लिए हमने गूगल का सहारा लिया और कई घंटों की छानबीन के बाद कुछ चौंकाने वाले आंकड़े हमारे सामने आए। आइए जानते हैं कि क्या वाकई में 1947 में 1 डॉलर की कीमत 1 रूपए के बराबर थी।
भारत की विदेशी करेंसी

सबसे पहले तो हम ये बताना चाहेंगे कि इस दावे की पुष्टि करने के लिए कोई डाटा भारत सरकार के पास भी मौजूद नहीं है। 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ था तो भारत देश के नाम पर दूसरे देश से व्यापार जीरो था क्योंकि उस वक्त जो भी व्यापार होता था वो ब्रिटिश इंडिया के नाम पर पौंड में होता था यानि हमारे देश का ट्रेड भी जीरो था और हमारे ऊपर कोई कर्ज भी नहीं था। उस समय ले-देकर हमारे पास सिर्फ एक ही विदेशी करेंसी थी वो थी ब्रिटिश पौंड।
हमारे रिसर्च में ये बात भी सामने आई कि आजादी से लेकर 1966 तक भारतीय रुपये की वैल्यू डॉलर में नहीं, बल्कि ब्रिटिश पौंड के मुकाबले आंकी जाती थी। इसलिए रूपए की डॉलर में वैल्यू जानने के लिए सबसे पहले हमे 1947 में ब्रिटिश पौंड की कीमत जाननी होगी।
1947 में रूपए की वैल्यू

काफी सर्च करने के बाद हमे पता चला कि देश की आजादी के समय ब्रिटिश पौंड की कीमत 13.33 रूपए के बराबर थी और 1947 में ही एक ब्रिटिश पौंड की कीमत 4.05 डॉलर के बराबर थी। उस वक्त भारतीयों को डॉलर खरीदने के लिए पहले पौंड खरीदना पड़ता था उसके बाद वो पौंड को डॉलर में एक्सचेंज करते थे।
ऐसे में अगर हम भारतीय रूपए को डॉलर से तुलना करें तो पाएंगे कि 1947 में 1 डॉलर की कीमत 3.29 रूपए के बराबर थी। इसका मतलब ये हुआ कि सोशल मीडिया पर 1 डॉलर = 1 रूपए के जो पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। वो पूरी तरह से फेक है।
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1966 में भारतीय रूपए की वैल्यू ब्रिटिश पौंड से हटाकर यूएस डॉलर के मुकाबले आंकी जाने लगी और उस वक्त पहली बार पूरी दुनिया को डॉलर के मुकाबले रूपए का रेट पता चला। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि 1966 में डॉलर की कीमत 6.36 रूपए के बराबर थी जबकि 1967 में डॉलर और भी मजबूत होकर 7.50 रूपए के बराबर हो गया। इसका मतलब ये हुआ कि आजादी के 19 साल बाद भी हमारे रूपए का डायरेक्ट डॉलर में एक्सचेंज नहीं होता था।
इसलिए अगर आपके पास 1966 से पहले के समय का रूपए को डॉलर से बड़ा बताने का कोई पोस्ट आता है तो समझ जाइए कि वो फेक पोस्ट है। और ऐसे में आपको उन फेक पोस्ट करने वाले लोगों के साथ इस वीडियो का लिंक शेयर करना है और उन्हे बताना है कि ऐसे भ्रामक खबरें न फैलाएं।
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